शवासन ( योगनिंद्रा ) – मृत्यु नहीं जीवन देने वाला आसन है

शवासन ( योगनिंद्रा ) Shavasan

शवासन ( योगनिंद्रा ) – शवासन अर्थात शव और आसन जिसका सरल शब्दों में अर्थ है – वह आसन या मुद्रा जिसमे हम अपने शरीर को मृत्यु के बाद की स्थिति में ले जाते है । योगशास्त्र में इसे योगनिंद्रा कहा जाता है । शवासन ( योगनिंद्रा ) शव के समान आसन होता है ।

शवासन ( योगनिंद्रा ) विश्राम करने के लिए है और अधिकांश पूरे योगासन क्रम के पश्चात किया जाता है। एक पूरा योग का क्रम क्रियाशीलता के साथ आरम्भ होता है और विश्राम में समाप्त होता है। यह वह स्थिति है जब आपके शरीर को पूर्ण विश्राम मिलता है। शवासन का अभ्यास शरीर को आराम देने में मदद करता है। कोई भी योगासन शवासन के अभ्यास के बिना कभी पूरा नहीं हो सकता। इसे परम यौगिक विश्राम आसन माना जाता है। 

शवासन ( योगनिंद्रा ) करने से शरीर और मन दोनों को आराम मिलता है। यही इसे सबसे कठिन आसनों में से एक बनाता है। शवासन का अभ्यास हर किसी शारीरिक अभ्यास को पूरा करने के बाद किया जा सकता है या फिर जब भी आप दिन में थका हुआ महसूस कर रहे हैं, तो इसका अभ्यास शरीर को पूरी तरह से विश्राम देने में मदद करता है।

शवासन ( योगनिंद्रा ) के लाभ Benefits of Shavasan 

  • शवासन मानसिक तनाव ( डिप्रेशन ) , हाई ब्लड प्रेशर , हृदय रोग और अनिंद्रा के लिए सर्वोत्तम है , इन रोगियों को यह आसन नियमित करना चाहिए |
  • यह आसन किसी भी तरह के योगासन करने के बाद शरीर को रिलैक्स करता है।
  • इस आसन के करने से स्नायु दुर्बलता , थकान एवं नकारात्मक चिंतन दूर होता है |
  • शरीर , मन , मस्तिष्क एवं आत्मा को पूर्ण विश्राम , बल , उत्साह एवं आनन्द मिलता है |
  • शवासन से ध्यान की स्थिति का विकास होता है |
  • इस आसन के अभ्यास से एकाग्रता और स्मरण शक्ति में सुधार होता है। जिस तरह आप ध्यान के दौरान अपनी एकाग्रता को एक वस्तु पर केंद्रित करते हैं वैसे ही आप शवासन में रहते हुए अपने शरीर के प्रत्येक हिस्से पर सक्रिय रूप से ध्यान केंद्रित करना होता है , इसमे पूरे शरीर के प्रत्येक अंग पर ध्यान करना होता है |
  • इसके अभ्यास से शरीर में ऊर्जा के स्तर को फिर से बढ़ाने में मदद मिलती है। अगर आप दिन में कभी भी थका हुआ या सुस्त महसूस कर रहे हैं तो शवासन का अभ्यास करके आप फिर से ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं। 
  • 10 मिनट के लिए इसका अभ्यास करने से आपके शरीर को ऊर्जा मिलती है |

शवासन ( योगनिंद्रा ) करने की विधि Steps of Shavasan

  • योगासन करने के बाद शवासन करने के लिए किसी खुले वातावरण में करे तो ज्यादा बेहतर है |
  • अपनी पीठ के बल लेट जाएं। अपना सिर दक्षिण दिशा की ओर करे  
  • अब अपनी आँखें बंद करें। अपने पैरों को अलग-अलग रखें और घुटनों को पूरी तरह से रिलैक्स रखें। पैर की उंगलियों को सीधा और सामने रखें। 
  • अपने हाथों को शरीर के दोनों ओर रखें और शरीर से थोड़ी दूर रखें। इस दौरान हथेलियां आसमान की ओर खुली रहनी चाहिए। 
  • अपना ध्यान दाहिने पंजे पर ले जाएँ, और फिर दाहिने घुटने पर ले जाएँ| इस तरह पूरे दाहिने पैर पर अपना ध्यान ले जाएँ और उसके पश्चात बहिनी पैर पर अपना ध्यान ले जाएँ, धीरे-धीरे शरीर के प्रत्येक अंग को विश्राम देते हुए सिर पर अपना ध्यान ले जाएँ।
  • साँसे धीमी और गहरी ले और हर साँस लेते हुए विश्राम करें। अंदर आती हुई हर साँस आपको ऊर्जा देती है और बाहर जाती हुई हर साँस आपको विश्राम देती है। अपने मन में उठ रही उत्तेजना, शीघ्रता, अथवा किसी भी चीज़ पर ध्यान न दे। सिर्फ अपने शरीर और मन के साथ रहे। अपने पूरे शरीर को धरती पर समर्पित कर दे और विश्राम करें। ध्यान दे के आप यह आसन करते हुए सो न जाएं।
  • एक-एक करके शरीर के अलग-अलग हिस्से पर अपना ध्यान केंद्रित करें और धीरे-धीरे अपने पूरे शरीर को आराम दें।
  • शरीर के प्रत्येक हिस्से को खुला छोड़ दे , दबाव महसूस ना करें और इस आराम की अवस्था में ही रखें। इस दौरान गहरी सांस लेते रहें।
  • धीरे-धीरे, गहराई से सांस लेते रहें और अपनी ब्रीदिंग के साथ खुद को अधिक से अधिक आराम करने दें। श्वास – प्रश्वास पर ध्यान देते हुए शरीर के प्रत्येक अंग को ऊर्जावान महसूस करे |  
  • अपनी आँखों को बंद रखते हुए कुछ लंबी गहरी साँसे ले और धीरे से अपना ध्यान वापस अपने वातावरण और शरीर की ओर लेकर आएँ। जब आप पूर्णता का अनुभव करें तो अपनी आँखें धीरे से खोल सकते हैं।
  • 10-15 मिनट के लिए इसी अवस्था में रहें |

शवासन ( योगनिंद्रा ) से पहले करने वाले आसन Aasan before Shavasan

शवासन ( योगनिंद्रा ) का अभ्यास करने से पहले आप किसी भी योग आसन, मुद्रा, प्राणायाम आदि का अभ्यास कर सकते हैं। विशेषतौर पर आप शवासन से पहले सूर्य नमस्कार, कपाल भाती प्राणायाम, भुजंगासन , नौकासन, वृक्षासन आदि का अभ्यास कर सकते हैं।

शवासन ( योगनिंद्रा ) में सावधानियाँ Precautions of Shavasan

शवासन ( योगनिंद्रा ) का अभ्यास हर कोई कर सकता है। यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है और आपको डॉक्टर ने आपको ज्यादा समय तक अपनी पीठ के बल ना लेटने के लिए  सलाह दी है, तो आपको इस आसन को करने से बचना चाहिए । या इसका समय कम भी कर सकते है |

आपके अमूल्य सुझाव , क्रिया – प्रतिक्रिया स्वागतेय है |

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